:वह उसकी आँखों का तारा,
कारकुनों की लाठी से जो
:गया जावानी जवानी ही में मारा!
बिका दिया घर द्वार,
:महाजन ने न ब्याज की कौड़ी छोड़ी,
अह, आँखों में नाचा करती
:उजड़ गई जो सुख की खेती!
बिना दावा दवा दर्पन के घरनी
:स्वरग चली,--आँखें आतीं भर,
देख रेख के बिना दुधमुँही