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15:36, 7 मई 2010 इश्क ने गूँथे थे जो गजरे
नुकीले हो गए
तेरे हाथोँ मेँ तो ये कंगन भी ढीले हो गए
फूल बेचारे अकेले रह गए हैँ शाख पर
गाँव की सब तितलियोँ के हाथ पीले हो गए
क्या जरुरी है कि है कि हम विषपान करेँ शिव की तरह
सिर्फ जामुन खा लिए और होँठ नीले हो गए