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पीड़ा का मेला / बेढब बनारसी
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19:04, 12 मई 2010
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कहाँ छोड़ जाती हो मुझको जीवन की इस मधु बेला में
पवन मंद बहता है आली, झूम रही है तरु की डाली
Vibhajhalani
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