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शून्य-3 / प्रदीप जिलवाने
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05:40, 17 मई 2010
<poem>
शून्य
सिर्फ शून्य
नहीं होता
होता तो
यूँ लटकता हुआ दिखायी नहीं देता
माथे पर
Pradeep Jilwane
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