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आज हो चाहे दूर भी जाना, मेरे साथी मेरे मीत!/ गुलाब खंडेलवाल
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15:46, 21 मई 2010
[[category: ग़ज़ल]]
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आज हो चाहे दूर भी जाना, मेरे साथी मेरे मीत!
लौटके फिर इस राह से आना, मेरे साथी मेरे मीत!
Vibhajhalani
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