Changes

सावन / सुमित्रानंदन पंत

No change in size, 08:45, 4 जून 2010
जल फुहार बौछारें धारें गिरतीं झर झर।
आँधी हर हर करती, दल मर्मर तरु चर् चर्
दिन रजनी औ पाख बिना रारे तारे शशि दिनकर।
पंखों से रे, फैले फैले ताड़ों के दल,
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits