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07:26, 5 जून 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= मदन कश्यप
|संग्रह= नीम रोशनी में / मदन कश्यप
}}
<poem>
पानी पर
चलना ना सीखा
बादल-सा
उड़ना ना सीखा
फिर क्या सीखा
प्यार में।
धरती-सा
बिछना ना सीखा
अम्बर-सा
उठना ना सीखा
फिर क्या सीखा
प्यार में।
काँटों से
लड़ना ना सीखा
फूलों से
डरना ना सीखा
फिर क्या सीखा
प्यार में।