गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बस गवैया / मुकेश मानस
1 byte removed
,
06:16, 6 जून 2010
यात्रियों को लुभा सके उसकी आवाज़
निकलें गीत पेट से उसके
आओ
बंधु
बंध!
दुआ करें
रचनाकाल : 1991
<poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits