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डिठौना{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= मनोज श्रीवास्तव |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>
जब भी काजल आँजा
लाल की आँखों में
और दे दो इसे
अभयदान!
 (समकालीन भारतीय साहित्य, सं. अरुण प्रकाश, मार्च, 2008)</poem>
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