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|रचनाकार=देवमणि पांडेय
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[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatGeet}}
दिल वालों की बस्ती है
 
यहाँ मौज और मस्ती है।
 
पत्थर दिल है ये दुनिया
 
मज़बूरों पर हँसती है।
 
ख़ुशियों की इक झलक मिले
 
सबकी रूह तरसती है।
 
क्यों ना दरिया पार करें
 
हिम्मत की जब कश्ती है।
 
हर इक इन्सां के दिल में
 
अरमानों की बस्ती है।
 
महंगी है हर चीज़, मियाँ
 मौत यहां यहाँ पर सस्ती है। 
उससे आँख मिलाएँ,वो
 
सुना है ऊँची हस्ती है।
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