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बाल पहेलियाँ-3 / दीनदयाल शर्मा
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06:43, 15 जून 2010
छत से लटकी मिल जाती है
छह
अठ
पग वाली नार,
बुने लार से मलमल जैसे
कपड़े जालीदार।
अनिल जनविजय
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