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वो उनकी लुगाई है / विजय वाते
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03:53, 19 जून 2010
<poem>
चे
हरे
चेहरे
पर चमक ऐसे कि दिल्ली की लुनाई है
जो गाँव मे बैठी है वो उनकी लुगाई है
द्विजेन्द्र द्विज
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