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सुबह / विजय कुमार पंत
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06:44, 20 जून 2010
एक हलचल है नदी में
रश्मियों ने यूँ
छुवां
छुआ
है
कुसुम अली से पूछते है
जाग तुझको क्या हुआ है
Abha Khetarpal
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