'''सुबह की धूप'''<br /> {{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार = रमेश कौशिक<br /><br /><poem>यह }}{{KKPustak|चित्र=|नाम=सुबह की धूप है कितनी रंगीली।<br />फूल सी सुकुमार सावन सी सजीली॥<br /><br />हंसनी सी श्वेत|रचनाकार=[[रमेश कौशिक]]|प्रकाशक=अक्षर प्रकाशन,सपनों से भी हलकीप्राइवेट लिमिटेड,<br 2/>सोम रस सी यह दिशा से फूट निकली।<br />लाल36,पीलीअंसारी रोड,नववधू सी है लजीली॥<br /><br />शून्य में चुपदरियागंज, ओस दिल्ली-110002 |वर्ष= 1973|भाषा=हिन्दी|विषय=कविताएँ|शैली=--|पृष्ठ=96|ISBN=|विविध=--}}* [[सुबह की पायल बजाती,<br धूप (कविता) />आ रही है पक्षियों संग गीत गाती।<br />हंस रही है ताल पर की दूब गीली॥<poem>रमेश कौशिक]]