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11:51, 27 जून 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक
}}
<poem>
यात्रा
तुम्हें अगर करनी है पूरी
तो स्पेयर व्हील रखना
बहुत ही ज़रूरी
पता नहीं
कब, कहाँ कौन-सा पहिया
पंचर हो जाय
रास्ते का कटना दूभर हो जाय
</poem>