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हरेपन का इतिहास / सांवर दइया
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08:49, 30 जून 2010
नया पृष्ठ: <poem>सूखा भीतर तक तभी तो पीला हुआ पीला दिखता है लेकिन पीला था नहीं औ…
<poem>सूखा भीतर तक
तभी तो पीला हुआ
पीला दिखता है
लेकिन पीला था नहीं
और आज भी
पीलेपन में इसके
हरेपन का इतिहास है!
</poem>
Neeraj Daiya
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