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16:15, 29 अप्रैल 2007 [[नागार्जुन]]
[[कवितायें]]
[[ नागार्जुन]]
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धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनि यह गयी दमक
मेघ बजे
दादुर का कण्ठ खुला
मेघ बजे
धरती का ह्र्दय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचंदन
मेघ बजे
हल्का है अभिनन्दन
मेघ बजे
धिन-धिन-धा...
१९६४ में लिखी
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