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21:52, 2 जुलाई 2010 <poem>खूब रोता है धनिया
जब पूछती है
सात साल की लडली
बाबा, कैसी होती है बिरखा !
टळ-टळ बहती
आंखों की ओर
इशारा भर करता है
और कहता है
बेटी !
यूं पड़ता है पानी
यूं बरसती है बिरखा !
</poem>
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