Changes

हरीशचन्द्र पाण्डे / परिचय

4,002 bytes added, 22:10, 2 जुलाई 2010
आवास- ए-११४, गोविन्दपुर कालोनी, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश।
मोबाइल- ०९४५५६२३१७६ (09455623176)
 
 
समकालीन हिन्दी कविता में हरीश चन्द्र पाण्डे एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। अस्सी के दशक में समकालीन कविता में जिन महत्वपूर्ण कवियों ने पहचान बनायी उसमें हरीश चन्द्र पाण्डे का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) की सुरम्य पहाडि यों ने हिन्दी साहित्य और देश को कई महत्वपूर्ण साहित्यकार दिये हैं जिनमें प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पंत, इलाचन्द्र जोशी, गौरापंत शिवानी, मनोहर श्याम जोशी, शेखर जोशी, शैलेश मटियानी, पंकज बिष्ट और मृणाल पाण्डे प्रमुख हैं। बुरुंश के खूबसूरत और चटख रंगों वाली शांत और सुरम्य अल्मोड़ा घाटी में (सदी गांव द्वारा हाट) २८-१२-१९५२ को हरीश चन्द्र पाण्डे का जन्म हुआ। पाण्डे जी की स्कूली शिक्षा अल्मोड़ा और पिथौरागढ में हुई और कामर्स में स्नातकोत्तर की शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश से पूर्ण हुई। हरिशचन्द्र पाण्डे की कविताएं देश की खयातिलब्ध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। पाण्डे जी की कविताओं में कन्टेन्ट की ताजगी और कहन की शैली दोनों स्तरीय होते हैं। हरीश चन्द्र पाण्डे की कविताओं का कई भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है यथा- अंग्रेजी, बांग्ला, उड़िया, पंजाबी तथा उर्दू। अब तक हरीश चन्द्र पाण्डे को सोमदत्त पुरस्कार (१९९९), केदार सम्मान (२००१), ऋतुराज सम्मान (२००४), हरिनारायण व्यास सम्मान (२००६) आदि कई महत्वपूर्ण सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। पाण्डे जी की महत्वपूर्ण काव्य कृतियां हैं - ''कुछ भी मिथ्या नहीं है'', ''एक बुरुंश कहीं खिलता है'', ''भूमिकाएं खत्म नहीं होतीं'' और 'असहमति (प्रकाशनाधीन)। स्वभाव से सहज और सौम्य व्यक्तित्व के धनी कवि हरीश चन्द्र पाण्डे सम्प्रति महालेखाकार कार्यालय इलाहाबाद में वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits