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{{KKCatGhazal}}
क्या पढें दर्द की व्याकरण, <br>
जंदगी ज़िंदगी है कटा अवतरण । <br><br>
रूप का, आयु का, साँस का, <br>
आज होता न एकीकरण । <br><br>