Changes

विचार / दिनेश कुमार शुक्ल

732 bytes added, 11:07, 3 जुलाई 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल |संग्रह=ललमुनियॉं की दुनिया }}…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल
|संग्रह=ललमुनियॉं की दुनिया
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
लेकिन कैसे
निकलता है पत्थर से जल
और काँटों से फूल

और
सौ करोड़ लोगों के मौन से
कैसे पैदा होती है भाषा

शब्दों के
ढाई घर वाले गाँव में ही
बार-बार क्यों हुआ कविता का जन्म

सोचो ...
अगर संभव हो अब भी सोच पाना

</poem>