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11:11, 9 जुलाई 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वीरेन डंगवाल
|संग्रह=स्याही ताल / वीरेन डंगवाल
}}
<poem>
स्थापत्य कुछ नहीं
सिवा मिट्टी घास काठ पानी
और तुम्हारी आत्मा के
जो रोशनी और प्रीतिकर अंधेरे से बनी है
सबसे जरूरी चीज है
वो खयाल
जिसे तुम शक्ल देते हो पहले
सिर्फ हवा में,
लिहाजा हवा भी सबसे जरूरी चीजों में एक है
बाकी सारे नगीने तो बकवास हैं
सारे प्रपंच
पाखण्ड
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