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13:43, 18 जुलाई 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश कौशिक
|संग्रह=कहाँ हैं वे शब्द / रमेश कौशिक
}}
<poem>
जब बचपन में
पहले दिन मैं
गया पाठशाला था
लिखा गुरु ने काले पट पर
श्वेत चाक से
अक्षर 'अ '|
जैसे मुझे सिखाया गुरु ने
मुझे चाहिए था
वह करना |
किन्तु ठीक विपरीत चला मैं
लिखे श्वेत पृष्ठों के ऊपर
काले अक्षर
जीवन-भर|
</poem>