गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वर्षा ॠतु / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
76 bytes added
,
10:28, 19 जुलाई 2010
न सो पाते हैं
सच पूछिये तो वरसात के नाम पर
हमारे कटारे खड़े हो जाते हैँ
Shubham katare
68
edits