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आस्था का उजाला / पुष्पिता

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प्रवासी भारतवंिशयों भारतवंशियों नेसात-समुदर् समुद्र् पार
सूरीनाम की धरती पर रचे हैं -
संस्कृतसंस्कृति-िमंिदरमंदिरकृष्ण-राधा मंिदरमंदिरगायत्री मंिदरमंदिरविष्णु मंिदरमंदिरदुगार् मंिदरमंदिरशिव मंिदरमंदिरआयर्आर्य-समाजियों की यज्ञशालाएंयज्ञशालाएँ,भीतर जिनके भगवान ़ ़ ़देवी ़ ़ ़देवता... देवी...देवतारामायण, पुराण आैर और गीत।
सूयर्सूर्यमंिदर मंदिर के शिखरों से पहंुचता पहुँचता है -
आस्था बनकर
पाषाण प्रतिमा में
आैर और सौंपता है -इन पावन मंिदरों मंदिरों कीप्राचीन तेजस्वी अखंड -ज्योति
वह सरनामी उपासकों की आंखों में
उतरता है साधना की शक्ति बनकर
सूयर्सूर्यसरनामी मस्िजदों मसजिदों की मीनारों से
उतर जाता है -
हर पहर की अजान में
इंसानियत बनकर
सूयर्सूर्यसरनामी गिरजाघरों के भीतर पहंुचता पहुँचता है -
प्राथर्ना के शब्दों में
प्रकाश बनकर
उजास का स्वर ढलकर
सूयर्सूर्य
सरनामी भक्तजनों के
नन्हें घरौंदों में
आस्था का प्रतिरूप है -
बिना भेदभाव के
मानवता के समथर्न में
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