{{KKShayar}}
'''ग़ज़ल'''
* [[काश बदली से कभी धूप निकलती रहती / श्रद्धा जैन]]
* [[वो सारे ज़ख़्म पुराने, बदन में लौट आए / श्रद्धा जैन]]
* [[बना लें दोस्त हम सबको, ये रिश्ते रास आएँ क्यूँ / श्रद्धा जैन]]
* [[यादों की जागीर बना कर रहते हैं / श्रद्धा जैन]]
* [[रात जागे हो कि रोए हो, रहे हो बेकल / श्रद्धा जैन]]
* [[आखिर, हमारे चाहने वाले कहाँ गए / श्रद्धा जैन]]
* [[यूँ प्यार को आज़माना नहीं था / श्रद्धा जैन]]