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अपने शातिर गांडीव-बल्ले भांजते
उतर आते हैं
भोली-भाली बेकुसूर हवाओं में
बर्दाश्त किया जा सकता है
उनका क्या हक बनता है
की कि वे
अपनी गहमागहमी से
भोली-भाली हवाओं को
मैं ऐसे संक्रामक प्रदूषणों को
चेता देना चाहता हूँ कीकि
वे विकास और धंधों में
संवहनीय हवाओं के साथ
खेल-खिलवाड़ न करें.