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10:02, 13 अगस्त 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= अच्युतानंद मिश्र
|संग्रह=
}}
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<poem>
''' अब और था '''
वह जब 'अ' के साथ था
तो 'ब' के विरोध में था
जब वह 'ब' के साथ था
तो 'अ' के विरोध में था
फिर ऐसा हुआ कि
'अ' और 'ब' मिल गए
अब?
वह रह गया
बस था!