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|रचनाकार=तुलसीदास
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{{KKPageNavigation|पीछे=बाल काण्ड / भाग ४ / रामचरितमानस / तुलसीदास|आगे=बाल काण्ड / भाग ६ / रामचरितमानस / तुलसीदास|सारणी=रामचरितमानस / तुलसीदास}}
<br>चौ०-एक बार जननीं अन्हवाए। करि सिंगार पलनाँ पौढ़ाए ॥
<br>निज कुल इष्टदेव भगवाना। पूजा हेतु कीन्ह अस्नाना॥१॥