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सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा / काका हाथरसी
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{{KKRachna
|रचनाकार= काका हाथरसी
|संग्रह=
कहीं और
काका तरंग
/ काका हाथरसी
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{{KKCatKavita}}
वोटर से वोट लेकर वे कर गए किनारा
सारे जहाँ से अच्छा .......
जब अंतरात्मा का मिलता है हुक्म काका
अनिल जनविजय
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