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मुफ़लिसी थी तो उसमें भी एक शान थी (प्रेमचन्द) / नज़ीर बनारसी
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04:26, 16 अगस्त 2010
ऐ बनारस तिरा एक मुश्त-गुबार
उठ के मेमारे
-
हिन्दुस्ताँ
<ref>हिन्दुस्तान का निर्माता</ref>
बन गया
मरने वाले के जीने का अंदाज़ देख
अनिल जनविजय
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