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हरिजन गाथा / नागार्जुन
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21:18, 21 मई 2007
आंखें हैं छोटी पर कितनी तेज़ हैं
कैसी
तेअ
तेज़
रोशनी फूट रही है इन से !
सिर हिलाकर और स्वर खींच कर
अनिल जनविजय
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