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हरिजन गाथा / नागार्जुन
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21:19, 21 मई 2007
सिर हिलाकर और स्वर खींच कर
बुद्धु
बुद्धू
ने कहा--
हां जी खदेरन, गुरु जी ही देखेंगे इसको
अनिल जनविजय
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