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जिस किसी का सूरज से सिलसिला निकलता है / सर्वत एम जमाल
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जिस किसी का सूरज से सिलसिला निकलता है
तू सुलगता रहता है कौन आग में सर्वत
तेरे जिस्म से अक्सर कोयला निकलता है<
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