गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अंतर्यात्रा / मंजुला सक्सेना
19 bytes added
,
11:38, 7 सितम्बर 2010
{{KKCatKavita}}
<poem>
अंतर्यात्रा
शब्द छूटे भाव कि
अनुरागिनी में हो गयी .
देह छूती श्वास की अनुगामिनी
मैं हो गयी !
'''लेखन काल:२२-१-१९९८'''
</poem>
Firstbot
बॉट
,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
1,572
edits