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12:08, 7 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=रित्सुको कवाबाता
}}
[[Category:जापानी भाषा]]
<poem>
मेरे योग शिक्षक का सूत्र !
सीधे पेट के बल लेट
बाहें बांधे माथे पर
मैं घुमती हूँ दायें -बाएं !
मेरुदंड से आती झनकार
जब ये घुमती है फर्श पर !
बाहें बांधे छाती पर
मैं घुमती हूँ दायें -बाएं .
मुझे सचमुच महसूस होती है उपस्थिति
मेरुदंड की !
'''अनुवादक: [[मंजुला सक्सेना]]'''
</poem>