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12:13, 7 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
एक
कुछ हालात
बदल डालते हैं इंसान को
कुछ हालात
इंसान बदल डालता है
जीवन इसी तरह
आगे बढ़ता जाता है
2004
दो
रास्ते
बार-बार बनाए जाते हैं
फैसले
बार-बार लिए जाते हैं
लिए गए फैसलों पर
आंसू नहीं बहाए जाते
2009
<poem>