ईश्वर ने राजा और रंक दोनों को जो चीज़ एक सामान दी है है वो है ममता ......आदिल रशीद
हम जो भी बात चीत घर में करते हैं हमारे बच्चे उनको सुनते हैं और कभी कभी ऐसे ऐसे सवाल कर देते हैं जिनका जवाब हम नहीं दे पाते या जिनका हम जवाब जानते हुए भी देना नहीं चाहते मेरी ये नज़्म मेरी सब से छोटी बेटी अरनी सहर के अचानक किये गए ऐसे ही एक मासूम सवाल के बाद मेरे दिल मे उठे भावुकता के पलों की है .....आदिल रशीद मुहमल - जिसको तर्क कर दिया जाए जिसका प्रयोग न किया जाये,बेकार फ़िज़ूल,बे मआनी,जिसका कोई अर्थ न हो, मुतमईन - संतुष्ट, खालिक- मालिक .प्रभु, ईश्वर लुगत - शब्द कोष डिक्शनरी
नज़्म मासूम सवाल सवाल
कहा ये मैं ने के प्यारी बेटी
ये लफ्ज़ मुहमल <ref>जिसको तर्क कर दिया जाए जिसका प्रयोग न किया जाये,बेकार फ़िज़ूल,बे मआनी,जिसका कोई अर्थ न हो, </ref >है तुम न पढना
तुम्हे तो बस है ख़ुशी ही पढना
वो मुतमईन <ref> संतुष्ट,</ref>हो के सो गई जब
दुआ की मैं ने ए मेरे मौला
ए मेरे मालिक ए मेरे खालिक<ref> मालिक .प्रभु, ईश्वर</ref>
तू ऐसे लफ़्ज़ों को मौत दे दे
के इस जहाँ की सभी किताबों
हर इक लुगत <ref> लुगत - शब्द कोष डिक्शनरी</ref> से मैं नोच डालूं
खुरच दूँ उनको मिटा दूँ उनको
जहाँ -जहाँ पर भी ग़म लिखा है
मैं पुजारी हूँ अम्न का आदिल
मेरा जंग ओ जदल<ref>लड़ाई-झगड़ा</ref> से क्या रिश्ता
</poem>
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