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|संग्रह=क्या हो गया कबीरों को / शेरजंग गर्ग‎
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स्वच्छ, सजग अधिकार कहाँ है?
सपनों के अनुसार कहाँ है?
जीर्ण और संकीर्ण व्यवस्था पर,आदर्श प्रहर कहाँ है?
लाशों के अम्बार लगे हैं
ग़म का भागीदार कहाँ है?
ख़ुद पर जो आसक्त नहीं हो
अब ऐसा खुद्दार कहाँ है?