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आप क्या रोशनी बो रहे थे/ सर्वत एम जमाल
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रचनाकार=सर्वत एम जमाल
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'''
आप क्या रोशनी बो रहे थे
लोग बीनाइयां खो रहे थे
आदमी किस तरह हो सकेंगे
जानवर भी हमीं तो रहे थे
'''
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द्विजेन्द्र द्विज
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