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जब से मुझको तूने छुआ है / गौतम राजरिशी
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07:25, 28 सितम्बर 2010
हँस के तू ने देख लिया तो
जग ये सारा हँसता हुआ है
''{मासिक वर्तमान साहित्य, अगस्त 2009}''
</poem>
Gautam rajrishi
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