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20:35, 2 अक्टूबर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|'''रचनाकार=अज्ञात'''
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=मैथिली
}}
<poem>
मचीया उतरि बाबा मन्डप चढ़ी बैसल आब जल्दी करू कन्यादान यौ
सुस्की-सुसकी रोवे माता सुनैना आब धीया होयति वीरान यौ
जनि कानू जनि खिजू माता सुनैना आब धीया जयति सासुर यौ
किये जानी अम्मा गोद में राखल, किये जानी केलौ प्रतिपाल यौ
बेटा जानी आगे बेटी गोद में राखल, मुंह देखि केलौ दुलार यौ
नाम लेल आगे बेटी पोखरी खोनाउल,धर्म लेल करइ छी कन्यादान यौ
'''यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से ली गयी है.'''
अमितेश