[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>हैरां हूँ, दिल को रोऊँ कि पीटूँ जिगर को मैं मक़दूर<ref>सामर्थ्य</ref> हूो हूँ तो साथ रखूँ नौहागर<ref>मौत पर रोने वाला</ref> को मैं
छोड़ा न रश्क<ref>ईर्ष्या</ref> ने कि तेरे घर का नाम लूँ
"ग़ालिब" ख़ुदा करे कि सवार-ए-समंद-ए-नाज़<ref>गर्व के घोड़े पर सवार</ref>
देखूँ अली बहादुर-ए-आली-गुहर<ref>अली बहादुर - एक पीर</ref> को मैं</poem>
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