गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अपनी बात / आलोक धन्वा
7 bytes added
,
15:03, 13 अक्टूबर 2010
{{KKCatKavita}}
<poem>
कितने दिनों से रात आ रही है
जा रही है पृथ्वी पर
(1996)
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits