<td align=center valign=top style="height:100px">
<font size=2>
'''वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जायेगाक्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो'''<br>'''मसला फूल का है फूल किधर जायेगाउसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल हो।'''<br>
</font>
कविता कोश में [[परवीन शाकिररामधारी सिंह "दिनकर"]]
</td></tr></table>