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जिन्दगी / विनोद स्वामी

133 bytes added, 15:25, 31 अक्टूबर 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह=}}{{KKCatKavita‎}}<poemPoem>जिन्दगीज़िन्दगी
घास है
जिसे
वक्त वक़्त का घोड़ा
चर रहा है
थोड़ा -थोड़ा।
</poem>
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