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डर / रघुवीर सहाय
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|रचनाकार = रघुवीर सहाय|संग्रह = एक समय था / रघुवीर सहाय
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<poem>
बढ़िया अँग्रेज़ी
वह आदमी बोलने लगा
बढ़िया अंग्रेज़ी वह आदमी बोलने लगा
जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था
मैं डर गया ।
</poem>
अनिल जनविजय
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