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जाँ निसार अख़्तर
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13:16, 24 जून 2008
* [[अश्आर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं / जाँ निसार अख़्तर]]
* [[हमने काटी हैं तिरी याद में रातें अक्सर / जाँ निसार अख़्तर]]
* [[रुखों के चांद, लबों के गुलाब मांगे है / जाँ निसार अख़्तर]]
Pratishtha
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