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{{KKRachna
|रचनाकार= चंद्रसिंह बिरकाली
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{{KKPustak|चित्र= |नाम=बादली (दोहावली)|रचनाकार=[[Category: दोहाचंद्रसिंह बिरकाली]]<poem>|प्रकाशक= जीवण ने सह तरसिया,बंजर झंखर बांठ !|वर्ष= बरसै भोळी बादळी, आयो आज आसाढ़ !!|भाषा=राजस्थानी |विषय=कविता आठु पौर उडिकता, बीते दिन जयुं मास !|शैली=दोहा दरशन दे अब बादळी, मत मुरधर रै तास !!|पृष्ठ=|ISBN=आस लगाया मुरधरा, देख रही दिन रात !|विविध=काव्य भागी आ तू बादळी, आई रुत बरसात !!}}* [[दस दोहे / चंद्रसिंह बिरकाली]]कोरा कोरा धोरियां, डुगा डुगा डैर !* [[ / चंद्रसिंह बिरकाली]]आव, रमा ए बादळी, ले-ले मुरधर ल्हेर !!* [[ / चंद्रसिंह बिरकाली]]<* [[ /poem>चंद्रसिंह बिरकाली]]* [[ / चंद्रसिंह बिरकाली]]* [[ / चंद्रसिंह बिरकाली]]* [[ / चंद्रसिंह बिरकाली]]