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कुछ खट्टा कुछ मीठा लेकर घर आया / ओमप्रकाश यती
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14:51, 22 नवम्बर 2010
<poem>
कुछ खट्टा कुछ मीठा लेकर घर आया।
मैं
अनुभव
कैसा-कैसा
जीवन का
लेकर घर आया।
खेल-खिलौने भूल गया सब मेले में
Omprakash yati
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